हमें देर से क्यों नहीं उठना चाहिए?
हमारे पूर्वज प्रकृति को दिव्य मानते थे। कृषि और हस्तशिल्प के माध्यम से उनका धरती से गहरा नाता था। यही जीवन-शैली उन्हें शांति प्रदान करती थी। लेकिन आज, नौकरियों के कारण यह जीवन-शैली उनसे दूर होती जा रही है। आधुनिक जीवन में, घर पर खाली समय बढ़ता जा रहा है और लोग इसका उपयोग करना जाने बिना ही आलसी होते जा रहे हैं। शारीरिक श्रम और प्रकृति से जुड़ाव की कमी के कारण हम इस संयम को खो रहे हैं। इसलिए हमें इस बुरी आदत को छोड़ देना चाहिए।









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