कार्तिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
परमेश्वर की ख्याति सुनकर, त्रिपुरासुर, जो घृणा से भर गया था, कैलाश की तीर्थयात्रा पर चला गया। तीन दिनों तक चले भीषण युद्ध के बाद, भगवान ने राक्षस का वध कर दिया। इसके साथ ही, एक हज़ार वर्षों से चले आ रहे राक्षस के शासन का अंत हो गया। देवताओं का भय भी दूर हो गया। इसके साथ ही, निर्भय शिव ने प्रसन्नतापूर्वक तांडव किया। चूँकि यह घटना कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुई थी, इसलिए हर साल हम इस पावन दिन पर बड़ी श्रद्धा से शिव की पूजा करते हैं।









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